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VIP(Virtual Integration Partner) Manyata | वर्चुअल इंटीग्रेशन पार्टनर मान्यता क्या है ? कैसे प्राप्त करें |

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VIP विद्यालय मान्यता क्या है ? और इसे कैसे प्राप्त करे ?

कोरोना काल जैसे विषम परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान शिक्षा विभाग के द्वारा सत्र 2023-24 से VIP विद्यालय मान्यता की शुरवात की है | ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित ना हो | आइये हम आपको VIP मान्यता के बारें में सम्पूर्ण जानकारी बतातें है |  

1- VIP विद्यालय मान्यता क्या ? (What Is Virtual Integration Partner Affiliation) :- 

VIP विद्यालय से मतलब है Virtual Integration Partner Manyata (वर्चुअल इंटीग्रेशन पार्टनर) से है यानि यदि किसी संस्था के पास अपनी खुद की भूमि , भवन ,कमरें व विद्यालय संचालन के लिए भौतिक संशाधन नहीं है तो वह संस्था किसी दूसरी मान्यता प्राप्त प्राइवेट संस्था/विद्यालय से करार/समझोता करके VIP मान्यता प्राप्त कर सकती है और ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर सकती है |  अब VIP मान्यता का सीधा अर्थ यही है की इसके तहत शैक्षिक तकनीकी संस्था (EdTech Company) के द्वारा ऑनलाइन स्कूल का संचालन कर सकती है | VIP विद्यालय मान्यता की एक खास बात ये भी है इसके तहत जो संस्था VIP मान्यता प्राप्त करती है वो एक से अधिक संस्थाओं के साथ Collaboration (समझोता) कर सकती है | शुरुवाती दौर में इसे कक्षा 9 से 12 तक शुरू किया जा सकता है |

2– VIP (Virtual Integration Partner) मान्यता के लिए क्या आवश्यक है :

  • शैक्षिक तकनीक संस्थाओं द्वारा वर्चुअल स्कूल प्रारंभ करने हेतु राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्थान  अधिनियम 1989 नियम 1993 में वर्णित भौतिक  तक मापदंड जैसे खेल मैदान, भूमि  का माप, कक्षा-कक्ष, प्रयागे शाला आदि के लिए शिक्षा विभाग राजस्थान से उच्च माध्यमिक स्तर/माध्यमिक स्तर की मान्यता प्राप्त गैर सरकारी वि़द्यालय से सहभागिता (Collaboration) करना अनिवार्य होगा।
  • संस्था/सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन – एक्ट 1958 जिसमे कम से कम 15 सदस्य प्रबन्धकारिणी के होने अनिवार्य है |
  • संस्था के पास Well Developed Hi-tech Digital Classroom Studio यानी ऑनलाइन क्लास के लिए कक्षा स्तरानुसार  स्टूडियो होना जरूरी है |
  • संस्था की खुद की वेबसाइट / मोबाइल ऐप होना जरूरी है |
  • विद्यार्थियों के लिय ई-लाब्रेरेरी होना जरूरी है |
  • High Quality Internet होना जरूरी है |  
  • संस्था को कम से कम 3 वर्ष का विद्यार्थियों को अध्ययन करवाने का अनुभव होना जरूरी है |
  • करार वर्चुअल मान्यता के आवेदन से पहले करना होगा |
  • ये करार 500रु के स्टाम्प पर रजिस्टर  होना जरूरी है | नोटेरी मान्य नहीं है |
  • करार या MOU की तीन प्रतियों में होगा एक MOU की , दूसरी संस्था की और तीसरी जिला शिक्षा अधिकारी के लिए
  • यदि करार समाप्त हो जाता है तो वर्चुअल मान्यता स्वत: ही निरस्त हो जाएगी | इसका मतलब ये है की किसी संस्था के साथ करार रखना अनिवार्य होगा |
  • वर्चुअल मान्यता समाप्त होने के बाद पुन: नवीन सत्र के लिए मान्यता के लिए आवेदन कर सकती है |
  • वर्चुअल मान्यता हिन्दी/अंग्रेजी अथवा दोनों माध्यम के लिए प्राप्त किया जा सकता है |
  • वर्चुअल मान्यता मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर से सम्बद्धता (Affiliation) लेना होगा |
  • यदि CBSE या अन्य बोर्ड से सम्बद्धता लेना चाहते है तो इसके लिए पहले राजस्थान  शिक्षा  विभाग से NOC लेना होगा |
  • इन सब के आलावा संस्था को विभाग द्वारा गैर-सरकारी मान्यता प्राप्त संस्था से भौतिक संशाधनों का मापदण्ड संझा करने हेतु सहभागिता करना अनिवार्य होगा |  

3– MOU संस्था के लिए शर्ते :

  • संस्था की शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त होना जरूरी है |
  • संस्था के लिए वही नियम लागु होंगे जो सामान्य संस्था के लिए लागु होते है जैसे : भूमि, कमरे , भवन , नक्शा आदि |
  • MOUVIP दोनों सस्थाओं का ये Collaboration या करार/समझोता न्यूनतम 4 वर्ष के लिए होगा | चालू शैक्षणिक सत्र के बिच में समझोता समाप्त नहीं किया जा सकता है |
  • यदि करार पूरा हो जाता है तो इसकी सूचना शिक्षा विभाग (जिला शिक्षा अधिकारी) को देनी होगी |
  • संस्था को विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा, अर्द्धवार्षिक , वार्षिक व अन्य गतिविधियों के लिए की समुचित व्यवस्था अपने विद्यालय में करनी होगी |

4– वर्चुअल मन्यता के बाद पढाई कैसे होगी :- 

  • पढ़ाई का माध्यम ऑनलाइन ही होगा |
  • विद्यार्थी को स्कूल में आने की जरूरत नहीं होगी |
  • संस्था को शिक्षा विभाग नियमानुसार कक्षाओं का संचालन करना होगा जिसमें विद्यालय का समय, कालांश का समय शिक्षा विभाग शिविरा पंचांग के अनुसार ही तय किया जायेंगे |
  • एक ऑनलाइन क्लास में केवल 45 विद्यार्थियों को अध्ययन कराना  अनिवार्य है |
  • बोर्ड कक्षाओं यथा 10 व 12 की बोर्ड परीक्षाएं बोर्ड नियमानुसार ही ली जाएँगी |
  • लेकिन प्रायोगिक परीक्षा , अन्य परीक्षा ऑफलाइन जिस विद्यालय से करार किया गया है उस विद्यालय में देनी होगी |
  • विद्यार्थियों की फीस शिक्षा विभाग नियमानुसार ली जाएगी | इसके लिए संस्था को विद्यालय स्तरीय फीस समिति (फीस अधिनियम 2016 व 17) का गठन करना अनिवार्य होगा |

Rajasthan Fees Act 2017 | राजस्थान सरकारी / गैर सरकारी विद्यालय फीस अधिनियम या  विनियमन 2017 Click Here

5– VIP (वर्चुअल इंटीग्रेशन पार्टनर) विद्यालय मान्यता के लिए आवेदन प्रोसेस :- 

  • आवेदन केवल ऑनलाइन स्वीकार किया जायेगे | ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे |
  • ऑनलाइन आवेदन राजस्थान राज्य के प्राइवेट स्कूल के लिए संचालित पोर्टल PSP पोर्टल से किया जायेगा |
  • VIP मान्यता के आवेदन के लिए सबसे पहले संस्था को PSP कोड प्राप्त करना होगा जिसके लिए नवीन विद्यालय पंजीकरण के माध्यम या लिंक से प्राप्त किया जा सकता है | सभी महत्वपूर्ण लिंक आपको पोस्ट अंत में मिल जायेंगे |
  • एक बार PSP कोड प्राप्त होने के बाद मान्यता के लिए आवेदन करना होगा | और आवेदन फीस ऑनलाइन ई-ग्रास के माध्यम से जमा करवानी होगी | इसके लिए आपके पास किसी भी बैंक ऑनलाइन इन्टरनेट बैंकिंग सुविधा होना जरूरी है |
  • आवेदन फाइनल सबमिट होने किए बाद निरक्षण दल या जाँच दल आपकी संस्था में जाँच के लिए आएगा | निरक्षण दल के द्वारा  दोनों संस्थाओं की (VIPMOU) जाँच की जाएगी |
  • VIP संस्था को MOU संस्था तक जाँच दल को जाने-आने  की सुविधा प्रदान करना होगा |
  • यदि जाँच दल द्वारा किया गया निरक्षण सही है यानि दोनों संस्थाओं में नियमानुसार कोई कमी नहीं है तो संस्था की फाइल को वेरीफाई कर सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आपकी फाइल जमा करवा देगा  चाहे फाइल सही हो या गलत | उसके बड़े जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा इसकी पुष्टि की जाएगी और पुष्टि होने के बाद आपकी फाइल को निदेशालय प्रेषित कर दिया जायेगा | यदि सब काम सही है और फाइल में किसी प्रकार की कमी नहीं तो निदेशालय के द्वारा वर्चुअल विद्यालय की मान्यता जारी कर दी जाएगी जो की ऑनलाइन जारी की जाएगी | जिसकी प्रति सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है |

 

6– वर्चुअल विद्यालय मान्यता हेतु आवेदन शुल्क:-

क्र.सं. फीस का प्रकार 9 से 10 तक 11 से 12 तक 9 से 12 तक  
1.         आवेदन शुल्क 1 लाख (एक माध्यम) , 1.50 लाख (दोनों माध्यम) 1.20 लाख (एक माध्यम) , 1.75 लाख (दोनों माध्यम) 1.50 लाख (एक माध्यम) , 2.25 लाख (दोनों माध्यम)  
2.         FD फिक्स डिपाजिट 1 लाख रु 3 लाख रु 3 लाख रु  
3.         बालिका शिक्षा फाउंडेशन 60 हजार रु 80 हजार रु 1 लाख रु  

नोट : आवेदन फीस व अन्य शुल्क में शिक्षा विभाग परिवर्तन कर सकता है |

  

प्रिय विजिटर ये तो अब तक हमारे द्वारा शिक्षा विभाग के नियमानुसार नियम , उपनियम की जानकारी दी गई है इसके आलावा अगर दस्तावेज या डॉक्यूमेंट की बात करे तो वर्चुअल मान्यता लेनी वाली संस्था के लिए निम्न दस्तावेज की आवश्यकता होगी जिसमे कुछ तो ऑनलाइन अपलोड करने होंगे और कुछ फाइल के साथ लगाना होगा |

7–वर्चुअल विद्यालय मान्यता के लिए आवश्यक दस्तावेज :-

  • संस्था/सोसाइटी के पंजीकरण का प्रमाण पत्र |
  • सोसाइटी के कार्यकारिणी सदस्य सूचि दस्तावेज |
  • सोसाइटी के उद्येश्य व संघविधान का दस्तावेज |
  • ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन के लिए स्टूडियो का प्रमाण पत्र |
  • संस्था की वेबसाइट या मोबाइल ऐप होने का प्रमाण पत्र |
  • ऑनलाइन क्लास लेने वाले अध्यापको के शैक्षणिक दस्तावेज |
  • विद्यालय फीस समिति गठन का दस्तावेज |
  • MOU संस्था से साथ किया गया करार का दस्तावेज |

 8–MOU विद्यालय के लिय आवश्यक दस्तावेज :-

  • संस्था/सोसाइटी के पंजीकरण का प्रमाण पत्र |
  • सोसाइटी के कार्यकारिणी सदस्य सूचि दस्तावेज |
  • सोसाइटी के उद्येश्य व संघविधान का दस्तावेज |
  • विभाग द्वारा प्राप्त सभी प्रकार की मान्यताओं के दस्तावेज |
  • विद्यालय फीस समिति गठन का दस्तावेज |
  • वर्चुअल विद्यालय के साथ किया गया करार का दस्तावेज |
  • भूमि सम्बन्धी दस्तावेज |
  • विद्यालय का ब्लू/नक्शा दस्तावेज |
  • भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र |
  • अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र व अन्य साहयक दस्तावेज |

 

प्रिय विजिटर उक्त सभी दस्तावजों को आवश्यकता दोनों संस्थाओं को होगी | चलिय अब बात करते है वर्चुअल विद्यालय मान्यता से आपको क्या फायदा और नुकसान हो सकता है |

9–वर्चुअल विद्यालय मान्यता के लाभ :-

  •  वर्चुअल विद्यालय मान्यता लेने के लिए आपको अपनी या संस्था की भूमि , भवन होना आवश्यक नहीं | फिर आप अपनी खुद की संस्था का संचालन कर सकते है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता से एक स्थान से सम्पूर्ण भारत में कही पर भी शिक्षा प्रदान की जा सकती है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता से एक साथ कई संस्थाओं के साथ करार कर अलग-अलग क्षेत्र में अध्ययन करवाया जा सकता है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता से विषम परिस्थितियों में विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा सकती है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता से केवल 4 से 6 सामान्य कमरों में भी ऑनलाइन अध्ययन करवाया जा सकता है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता से असाहयेक तत्वों से बचा जा सकता है |

10–वर्चुअल विद्यालय मान्यता की हानियाँ :-

  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता के लिय किसी दुसरे विद्यालय से करार करना पड़ता है जो ये करार कभी भी तोड़ा जा सकता है | एक बार करार समाप्त होने के बाद पुन: वर्चुअल विद्यालय मान्यता के लिए आवेदन करना होता है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता के लिए विभाग आवेदन फीस काफी अधिक रखी है जो एक सामान्य व्यक्ति के लिए अधिक भार है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता के लिए पहले आपको ऑनलाइन क्लास संचालन के लिए सेटअप तैयार करना होता जिस पर भारी खर्च करना पड़ता है जिसमे कैमरा, लाइट, इन्टरनेट, वेबसाइट, मोबाइल ऐप सम्मिलत है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता के बाद ऑनलाइन क्लास लेने वाले अध्यापकों की समस्या आती है | कुछ टीचर पढ़ाने में कुशल है लेकिन कैमरे के सामने बोल नहीं पाते है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता के लिए संस्था के सभी कर्मचारियों को टेक्नोलॉजी की जानकारी होना आवश्यक जो कुछ कुछ व्यक्तियों में एक साथ मिलती बाकि अन्य केवल एक क्षेत्र की ही जानकारी रखते है |
  • वर्चुअल विद्यालय मान्यता के लिए और आगामी पढ़ाई करवाने के लिए आपको कम से कम 10 लोगों के टेक्निकल डिपार्टमेंट की आवश्यकता होगी जिस पर बहुत अधिक खर्चा लगता है |

 

प्रिय विजिटर ये तो कुछ सामान्य लाभ और हानियाँ बताई गई है अगर यहाँ पर राज गुरु जी की राय की बात करें तो राजगुरुजी के द्वारा वर्चुअल विद्यालय मान्यता के पक्ष में नहीं है क्योंकि वर्चुअल विद्यालय मान्यता लेने के लिय संस्था को काफी खर्चा होने वाला है इतने बजट में तो आप अपनी खुद की संस्था शुरू कर सकते है जिसमे भूमि भी आपकी होगी और भवन भी | और ना ही किसी से समझौता करना होगा | क्योंकि व्यक्ति की एक प्रवृति होती है की समय के साथ उसमे स्वार्थ और लालच जैसे भावनाएं विकसित हो जाती है और इस कारण वर्चुअल विद्यालय मान्यता के लिए किया करार कभी भी तोड़ा जा सकता है जिसमे आपको समय के अनुसार परेशानियों के आलावा कुछ नहीं मिलने वाला है | फिर भी आप अपनी अनुमान और सोच के अनुसार वर्चुअल विद्यालय मान्यता की मान्यता प्राप्त कर सकते है |

हमारे द्वारा तैयार की गई कुछ महत्वपूर्ण पीडीऍफ़ फाइल : 

सोसाइटी/संस्था व विद्यालय मान्यता से सबंधित दस्तावेज यहाँ से डाउनलोड करे |
क्र. स. विद्यालय सम्बंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज डाउनलोड
1. नविन सोसाइटी रजिस्ट्रेशन से पहले की प्रिक्रिया Click here
2. New Society Registration Format (Word Format Editable) Act 1958 Click here
3. New Society Registration Format (PDF Format) Act 1958 (संघ-विधान नियमावली) Click here
4. सोसाइटी बैंक खाता खोलने की प्रिक्रिया Click here
5. संस्था/ सोसाइटी में सदस्य जोड़ने व हटाने की प्रक्रिया Click here
6. Society Renew After 2 Year | सोसाइटी नवीनीकरण बैठक कार्यवाही Click here
7. नविन विद्यालय मान्यता हेतु सोसाइटी/ संस्था बैठक कार्यवाही Click here
8. नवीन विद्यालय मान्यता प्रोसेस Click here
9. विद्यालय क्रमोन्नति आवेदन प्रिक्रिया Click here
10. विद्यालय क्रमोन्नति (अतिरिक्त संकाय/स्थान, माध्यम व नाम परिवर्तन) बैठक कार्यवाही Click here
11. शपथ पत्रअन्य प्रारूप विद्यालय मान्यता (समस्त प्रकार की मान्यताओं के लिए(Word Format-Editable) Click here
12. शपथ पत्रअन्य प्रारूप विद्यालय मान्यता (समस्त प्रकार की मान्यताओं के लिए (pdf Format) Click here
13. RBSE Board स्थाई सम्बद्धता हेतु दस्तावेज व नियम Click here
14. विद्यालय स्तरीय फीस समिति गठन (फीस अधिनियम 2016 & 17) Click here

 महत्वपूर्ण लिंक : 

1. वर्चुअल मान्यता नियमों की अधिक जानकरी के लिए विडियो देखे – Click here
2. नवीन सोसाइटी रजिस्ट्रेशन प्रिक्रिया विडियो देखें Click here
3. प्राइवेट स्कूल पोर्टल लिंक Click here
4. नवीन PSP कोड हेतु रजिस्ट्रेशन पोर्टल लिंक Click here
5. विद्यालय मान्यता नवीन/क्रमोन्नति नियम के लिए ये विडियो देखें Click here
6. विद्यालय मान्यता के लिए ऑनलाइन फॉर्म कैसे भरे ये विडियो देखें Click here
7. विद्यालय फीस समिति का गठन कैसे करे Click here
8. प्राइवेट स्कूल सम्बन्धी महत्वपूर्ण दस्तावेज Click here

 

 

Author

RAJ GURU JI

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